सुन, साथिया, माहिया बरसा दे ਇਸ਼ਕਾਂ की स्याहियाँ
रंग जाऊँ, रंग, रंग जाऊँ री हाँ, री मैं तुझपे मैं झर, झर, झर जाऊँ हाँ, री हूँ, पिया, बस तेरी मैं हो, छू ले तो खरी मैं (तो खरी मैं, खरी मैं) सुन, साथिया, माहिया बरसा दे ਇਸ਼ਕਾਂ की स्याहियाँ मैं रेत सी, बूँद का ज़रिया तू पा के तुझे भीग जाऊँ री मैं रेत सी, बूँद का ज़रिया तू पा के तुझे भीग जाऊँ री (जाऊँ री मैं) तर जाऊँ, तर-तर जाऊँ दरिया ये तर जाऊँ जी इश्क़ ये पा के मैं तेरा निखर जाऊँ री पिया, बस तेरी मैं हो, छू ले तो खरी मैं (तो खरी मैं, खरी मैं) सुन, साथिया, माहिया बरसा दे ਇਸ਼ਕਾਂ की स्याहियाँ
Writer(s): Priya Saraiya, Sachin Jigar