मैं एक फ़र्द हूँ, या एक एहसास हूँ? मैं एक जिस्म हूँ, या रूह की प्यास हूँ? कि सच की तलाश है, दूर आकाश है
मंज़िल पास नहीं, क्या तू मेरे पास है? कभी मैं अम्ल हूँ, कभी बे-अम्ल हूँ ′गर तुझमें नहीं, तो फिर बे-महल हूँ कि सच की तलाश है, दूर आकाश है मंज़िल पास नहीं, क्या तू मेरे पास है? कि सच की तलाश है, दूर आकाश है मंज़िल पास नहीं, क्या तू मेरे पास है? सच की तलाश है, दूर आकाश है मंज़िल पास नहीं, क्या तू मेरे पास है? मैं एक फ़र्द हूँ, या एक एहसास हूँ? मैं एक जिस्म हूँ, या रूह की प्यास हूँ?
Writer(s): Sameer Anjaan, Sayeed Quadri, Mithun Naresh Sharma, Sachin Gupta
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