दिल क्या करे जब किसी से किसी को प्यार हो जाये जाने कहा कब किसी को
किसी से प्यार हो जाये ऊँची-ऊँची दीवारों सी इस दुनिया की रस्में ओह, ना कुछ तेरे बस में जूली, ना कुछ मेरे बस में दिल क्या करे जब किसी से किसी को प्यार हो जाये जाने कहा कब किसी को किसी से प्यार हो जाये जैसे परबत पे घटा झुकाती हैं जैसे सागर से लहर उठती हैं ऐसे किसी चेहरे पे निगाह रुकती हैं जैसे परबत पे घटा झुकाती हैं जैसे सागर से लहर उठती हैं ऐसे किसी चेहरे पे निगाह रुकती हैं हो रोक नहीं सकती नजरों को दुनिया भर की रस्में ना कुछ तेरे बस में जूली, ना कुछ मेरे बस में दिल क्या करे जब किसी से किसी को प्यार हो जाये जाने कहा कब किसी को किसी से प्यार हो जाये आ मैं तेरी याद में सब को भुला दूँ दुनिया को तेरी तसवीर बना दूँ मेरा बस चले तो दिल चीर के दिखा दूँ आ मैं तेरी याद में सब को भुला दूँ दुनिया को तेरी तसवीर बना दूँ मेरा बस चले तो दिल चीर के दिखा दूँ हो दौड़ रहा हैं साथ लहू के प्यार तेरा नस-नस में ना कुछ तेरे बस में जूली, ना कुछ मेरे बस में दिल क्या करे जब किसी से किसी को प्यार हो जाये जाने कहा कब किसी को किसी से प्यार हो जाये ऊँची-ऊँची दीवारों सी इस दुनिया की रस्में ओह, ना कुछ तेरे बस में जूली, ना कुछ मेरे बस में दिल क्या करे जब किसी से किसी को प्यार हो जाये जाने कहा कब किसी को किसी से प्यार हो जाये
Writer(s): Anand Bakshi, Rajesh Roshan
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